Wednesday, January 04, 2017

Demonetitzation...

आप भी महसूस करेंगे गए नए नोट के ताप को
जब धुप में खड़े होकर कोस रहे होंगे बैंक के कतार को
जिस लाइन में खड़ा होकर एक बूढा मर गया
बुधिया के सर से उसके बाप का साया उठ गया

ले चलता हूँ आप को दिल्ली से सौ कोस दूर पर
एक छोटा शहर जहाँ भूक प्यास के यातना से  डूब कर
मर गया खुसिया का बाप एटीएम की लाइन में टूट कर

एक झटके में जिंदगी का मौसम बदल गया
मजदूरी से जो कमाया वो पुराने नोट में जल गया
हरुआ अब पेट की आग बुझा रहा मछली पकड़ कर ताल में

कला धन का वादा एक जुमला चुनावी है
उस मजदूर के किस्मत में बुनयादी खराबी है
ए टी म की के खोज में आज वो भटक रहा है शहर के कोने में 

जरुरी नहीं की हर घर में छुपा है ब्लैक मनी की टोकरी
बस एक मंत्री हर के घर में  मिल जायेगा कॅश में रोकड़ी
जिन चनद कागज के टुकड़ों  के लिए गुजार दी हमने ज़िन्दगी
डर लग रहा की उनके  वजह से अब लग जाये ना हमे हथकड़ी

एक वकील सीखा रहा इकोनॉमिस्ट को नयी भाषा
सरकार देश की इकॉनमी को हर रोज दे रही है नयी दिशा
कौन ध्यान रखता है अब बैंक की भीड़ में कौन कुचला   

भरस्टाचार वेश बदल रही है आजकल पहरों में
अच्छे बुरे की समझ खो गयी संसद के शोर में
राम राज्य का वादा है कल सुबह के भोर में

लेकिन सरकार मस्त है अच्छे दिन के प्रचार में
हमारे नोट की कीमत न हो कल के बाजार
गवर्नर साब अब मत छापियेगा ऐसा नोट अपनी टकसाल में

© Rakesh Kumar Dec. 2016