Tuesday, January 05, 2010

नया साल


सभी लोगों को नए साल पर सलाम पेश करता हूँ, नए साल की मुबारकबाद देता हूँ

भाई लोगों नए साल में नया क्या है
नल में पानी नहीं और रात में बिजली नहीं
हम को नजर आती सडको पर ट्रैफिक वही
जिंदगी वही और ज़िन्दगानी वही, मेरी तो घरवाली भी नहीं
इस नए साल की भी लगती है कहानी वही
अगर घर या ऑफिस बदल लो भी तो कोई बात नहीं
जिंदगी की तू-तू मैं-मैं अब किसको बर्दास्त नहीं
सबको मालूम है की इस साल भी हैं १२ महीने
इस बरस भी होंगे इकोनोमी के चर्चे बहुतेरे
जनवरी, फ़रवरी, में होगी सर्दी
और कुछ लोगों को होगा रिलीज़ की जल्दी
मार्च अप्रैल, मई में बहुत गर्मी होगी
कुछ का अपरेजल होगा, और कुछ को झोली खाली होगी
अगस्त सितम्बर मैं बरसात होगी
पर कितने लोगों की आँखे नम होगी
नवम्बर दीसम्बर मैं त्योंहारों का मौसम होगा
पर इस दिल का मौसम कहाँ खुशनुमा होगा
अगर ये साल नया है तो दिखाए सुबह शाम नयी
खिड़की खोलूं तो हो हसी चेहरे के दर्शन कई
हमको भी मिले हैं नए साल की बहुत मुबारकें
पर क्या होता है अगर दिल मैं हैं पिछले साल की कडवाहटें
हमने भी जिंदगी में बिताये हैं कई नए साल
कुछ थे अच्छे और कुछ का अभी तक है बुरा हाल

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