Tuesday, August 23, 2011

आजकल घर की चीजें मुझे मिलती नहीं है अपनी जगह
मेरा किचन मेरा नहीं रहा अब,
चावल और दाल का डब्बा बदल चुका है
मसाले और नमक का डिब्बी अपनी जगह पर नहीं रहती
फ्रीज़ भी नया नया लगता है आजकल
कुछ साफ साफ लगता है घर का हर एक कोना
चादर का रंग बदल गया
खाने का स्वाद बदल गया है,
रोटियाँ मुलायम हो गयी है
नास्ता भी टेस्टी हो गया है
ऑफिस भी लंच बॉक्स ले जाने लगा हूँ
शाम को जल्दी घर पर आने लगा हूँ
ऑफिस देर तक रुकना बंद कर दिया है मैंने
शाम की चाय भी आजकल अच्छी लगती है अब
उसके साथ स्नैक भी मिलने लगा है
जूता और मोजा अपनी जगह पर मिलने लगा है
मेरी पुरानी टी शर्ट पोछे मैं कब की तब्दील हो चुकी है
कपडे भी इस्त्री किये होते हैं आजकल
बिस्तर के एक साइड से ही उतर पता हूँ मैं अब
और घर का दरवाजा भी मैं नहीं खोलता हूँ आजकल
मेरे कार की बगल वाली सीट अब खाली नहीं रहती है
हाँ अब कोई मेरे साथ भी अब चलने लगा है
एक हम सफ़र मिल गया है मुझे अब
शादी हो चुकी है मेरी अब....
(c) Rakesh Kumar

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