Wednesday, May 27, 2015

शिक्षा का व्यापार...

जब मिले न कोई रोजगार 
शरू कर दो शिक्षा का व्यापार 
स्कूल, कॉलेज में लाला का आवारा बेटा रहा फिसड्डी
पर धनी बाप का बेटा ठहरा तो किस्मत तेज निकली 
बाप ने खोला स्कूल और बनाया उसको प्राध्यापक 
किस्मत का फेर की अब वो करवा रहा बच्चों से दंड बैठक 
मंत्री के घर पहुँचाया थैला भर के पैसा 
फिर स्कूल को मान्यता मिलने में भला देर होवे कैसा 
हर गली, नुक्कड़ पर है बेरोजगारों की लगी है मण्डली 
ग्रेजुएट बेचे पान और इंजीनियर बना है संत्री 
टीचर मिल जायेंगे बेर के भाव 
रख लो उनको देकर अपनी ताव 
अब तक लाला बेच रहे थे नून, तेल, मसाला 
अब देखिये शुरू किया है उन्होने शिक्षा का बैंड बजाना 
स्कूल में किया ढेरों का फर्जी एडमिशन 
मिड डे का मिल खाया, बटोरा जम के कमीशन 
हर एग्जाम का रेट किया है फिक्स 
अनपढ, गँवार अब मार रहे हैं सिक्स 
पडोसी का बेटा दे रहा पप्पू का एग्जाम 
पास होकर भी करेगा वो केवल समाज को बदनाम 
क्या फर्क पड़ता है की डिग्री असली है या फ़र्ज़ी 
पैसा सरका देगा जब देना होगा नौकरी की अर्ज़ी 
आदर्श हो गए हैं अब खोखले, मक्कारी है प्रचंड 
इन शिक्षा के दलालों को कैसे मिले दंड 

© Rakesh Kumar May 2015


   




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